Wednesday, June 12, 2013

मात्रभूमि

मात्रभूमि तुझको नमन
तू जीवनधार  है सबको देती है अन्न
तू है   कितनी महान
सब दुःख सहती है पर कुछ न कहती है
अगर तू न होती तो क्या होता अस्तित्व
न फूल होता और न होती नदिया
तू है कितनी विशाल 
तेरी महिमा अपरम्पार
पाकर  तुझको सुख है भोगा
सब कुछ है पास हमारे
पर कुछ लोग करते है तेरा सौदा
वो नहीं समझ पाते तेरे गुण
और कर देते है तेरा सौदा
पर हम भी कुछ कम नहीं
आज़ाद करा लेते है अपनी मात्रभूमि को
और नहीं टूटता जीवन का नाता
सब रहते प्यार और भाईचारे से
रहता अमन और चैन यहाँ पर
हे मात्रभूमि तुझे  नमन

Tuesday, April 16, 2013

वक़्त

वक़्त के साथ हर याद
 छोड़ गया हर निशान
रह गयी धुंधली सी याद
 वो जमाना जब हम किया
करते थे मस्तिया
 पर अब सब  खत्म सा
हो गया और खो गयी
कही वो सुनहरी यादे,
वक़्त के साथ
अब तो याद है,
काम काम काम
क्यों हो गए  बड़े?
आ गयी जिम्मेदारिया
और बस सघर्षो के साथ
पूरी  करने लगे हम
और बढ़ने लगे की कैसे
बढ़ा  जाये उचाई पर
इसी में बिता दी  जिन्दगी
के हसीं पल हमने
और वक़्त उड़ गया पता नहीं कहा
और बस रह गयी यादे