Tuesday, April 16, 2013

वक़्त

वक़्त के साथ हर याद
 छोड़ गया हर निशान
रह गयी धुंधली सी याद
 वो जमाना जब हम किया
करते थे मस्तिया
 पर अब सब  खत्म सा
हो गया और खो गयी
कही वो सुनहरी यादे,
वक़्त के साथ
अब तो याद है,
काम काम काम
क्यों हो गए  बड़े?
आ गयी जिम्मेदारिया
और बस सघर्षो के साथ
पूरी  करने लगे हम
और बढ़ने लगे की कैसे
बढ़ा  जाये उचाई पर
इसी में बिता दी  जिन्दगी
के हसीं पल हमने
और वक़्त उड़ गया पता नहीं कहा
और बस रह गयी यादे

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